Author: malti3010
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शब्द आधारित रचना शब्द- “विभावरी”
नित स्वप्निल संसार सजाती,नेह-निमंत्रण देकर आती।चॉद-सितारे भर ऑचल में,मलयज के संग गीत सुनाती।टेक। मन-मन्दिर में प्रेम आरती,मुदित विभावरि सदा सुनाती।श्रम से चूर-चूर तन होता,उच्छ्वासों का दरपन होता।नित जीवन की आपा-धापी,स्वेद सूख कर चन्दन होता।बन लजवन्ती सॉझ सुरमई ,विभावरी जन-मन हरषाती।मलयज के संग गीत सुनाती।1। हार-जीत की धूप-छॉव में,धूल-धूसरित नगर-गॉव में।मरुस्थल सी प्यास प्यार की,लाल महावर…